अगले दिन होटल में हल्की ठंडक थी, पर कियारा के भीतर कुछ और ही चल रहा था।पिछली रात की वो नज़रें, वो मुस्कान — जैसे उसके दिल के किसी कोने में अब घर बना चुकी थीं।वो खुद से कहती रही, “ये बस attraction है… professional रहो कियारा।”पर दिल, दिल ही तो है — वो तर्क नहीं, बस एहसास समझता है।सुबह की मीटिंग खत्म होते ही अयान ने कहा,“कियारा, आज थोड़ी देर के लिए terrace पर चल सकते हो? कुछ discuss करना है।”वो चौंकी — Terrace? और वो भी अकेले?फिर धीरे से बोली, “Sure, sir.”टैरेस पर हवा में हल्की ठंडक थी।सामने