{रहे तेरी दुआ मुझ पर - दसवा हिस्सा}{गुलनाज की होशियार नजर और नूर की गमहीन यादे}{फलेशबेक जारी है}जाहिद घर आता है तो उसकी अम्मी इतनी जल्दी घर आने का कारण पूछती है तो वह बता देता है कि आज उसकी तबीयत ठीक नही थी तो अब्बा ने उसे जल्दी घर भेज दिया, उसकी अम्मी उसके माथे पर हाथ रख कर चेक करती है, तो वह कहता है कि अम्मी मे अब ठीक हूँ , मै काफी देर पहले दुकान से निकला था तो रास्ते मे ही मेरे एक दोस्त का घर था तो दवाई लेकर वही कुछ वक्त आराम किया