रात का सन्नाटा कमरे में छाया हुआ था। अपूर्व प्रेम रस पीने के बाद नींद के आगोश में समाया हुआ था । तभी अचानक कमरे के दरवाजे पर बार-बार खटखटाने की आवाज़ गूँजी।अपूर्व की नींद टूटी , उसने इधर उधर देखा, अन्वेषा बैड पर नहीं थी उठकर दरवाज़े की ओर बढ़ा । किसी ने फिर दरवाजा खटखटाया । अपूर्व उठा और उसने दरवाजा खोल दिया। बाहर खड़ी थी उसकी छोटी बहन, केशा, जिसके चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी।“भैया, सब ठीक तो है ? आपके कमरे से थोड़ी देर पहले चीखने की आवाजें आ रही थी ? केशा ने