अगले कुछ दिनों में सब कुछ सामान्य दिखने लगा — पर वो सामान्य था ही नहीं।Raj अपने rounds में पहले की तरह व्यस्त था, Anaya अपनी ड्यूटी में — पर जब भी दोनों एक ही कमरे में होते, हवा जैसे धीमी पड़ जाती।कभी रिपोर्ट देने के बहाने, कभी किसी केस पर चर्चा करते हुए, उनकी नज़रें कुछ ज़्यादा देर तक टिकने लगीं।Anaya को अब समझ आने लगा था कि वो Raj की मौजूदगी में थोड़ी ज़्यादा खुद जैसी महसूस करती है।पर ये भी सच था कि Raj अब भी खुद से जूझ रहा था — कुछ कहने की चाह और