तेरा मेरा सफ़र - 13

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सुबह की धूप कमरे के परदों से छनकर भीतर आ रही थी। होटल की हलचल शुरू हो चुकी थी, मगर कियारा का मन आज कुछ ज़्यादा बेचैन था।रात की वो नज़रें, वो ख़ामोशी — सब अब भी उसकी धड़कनों में गूँज रहे थे। उसने खुद से कहा, “नहीं कियारा, ये सब दिमाग़ से निकालना होगा… ये feelings तेरा ध्यान भटका देंगी।”लेकिन दिल कब किसी की सुनता है?उधर, अयान अपने कमरे में files देखकर भी खोए हुए थे। उनके दिमाग़ में काम था, पर दिल उसी एक मुस्कान में अटका था — जो कियारा ने कल terrace से ऊपर देखकर दी