मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 39

एपिसोड 39 — “नीले वादे का पुनर्लेखन” (कहानी: मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत है)     ---   1. हवेली की खिड़की से लौटती रूहें   सुबह की ठंडी हवा में दरभंगा की हवेली एक नए संगीत में सांस ले रही थी। दीवारों पर उभरी नीली लकीरें अब बुझ नहीं रही थीं — बल्कि उनमें एक हल्की धड़कन सुनाई दे रही थी।   रूहाना बालकनी में खड़ी थी, उसके बाल हवा में उड़ रहे थे। वो मुस्कराई, “अर्जुन, लगता है हवेली अब हमें अपना हिस्सा मान चुकी है…”   अर्जुन ने धीमे से जवाब दिया, “कभी-कभी रूहें जगह