चांद की यात्रा

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चाँद की यात्राआज जब हम से पूछा — “अगर आपको मौका मिले तो चाँद पर जाने के लिए कितना खर्च करेंगे?”  अब भला इस पर क्या कहा जाए! आदमी का पेट एक दिन की सब्ज़ियों के दाम से कांप जाता है, और साहेब लोग पूछ रहे हैं चाँद की टिकट की कीमत। हमने कहा — “भाई साहब, खर्चा तो ठीक है मगर पहले आप ये बताइए कि वहाँ खाना कौन बनाएगा और दूध कौन उबालेगा?” सामने वाले ने आँखें तरेरीं, पूछा — “मतलब?” हमने मुस्कुराकर कहा — “मतलब ये कि जब से इश्क हुआ है, तब से उस ‘चाँद’ की EMI