वो इश्क जो अधूरा था - भाग 2

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“इस वक्त ऐसा मजाक मत करो यार । दिल जलता है ।” कहते हुए अपूर्व ने मुस्कुराने का प्रयास किया ।“मैं मजाक नहीं कर रही हूँ । नासीर मेरा पहला और आखरी प्यार है ।”अन्वेषा ने कहा तो अपूर्व की आँखों के आगे घर आते वक्त पुराने पीपल के पास खड़ी अन्वेषा का एक पल के लिए ठंडी से काँपना और फिर अचानक ही पसीने सेर तरबतर हो जाने वाली घटना तैर गई । वह अन्वेषा के मुँह से नासीर का नाम सुनकर एक अनजान भय को लेकर आशंकित हो उठा । उसने धीमे से उसके चेहरे को थपथपाया ।“अन्वेषा,