61. प्लानिंग उधर महाशक्ति ने कवच की गर्दन पर धारदार कैंची रखी थी, "वापस आ जाते नहीं तो मैं खुद सब अपने हाथों में ले लूँगी। और पता है फिर क्या होगा।", और इधर दो मर्द एक दूसरे पर रोमांटिक रूप से गिरे पड़े थे।अहम! गला साफ करते हूए।तो पिछले अध्याय में हमने पढ़ा और अपनी कल्पना का उपयोग करे हुए देखा कि राहुल ने होटल के कर्मचारी, गगन को सामान्य 'चलो बैठकर बात करते है' कहा था और वह राहुल के सामने अपनी शर्ट को आधा खोल घुटनों के बल डरते हुए बैठ गया।गलतफहमी को समझते हुए राहुल उसे रोकने