{नोवा हिस्सा ( भाग )}{नूर के घर मे दाखिल}फलेशबेक जारी है.......जाहिद नूर के घर के सामने खड़ा था वह सोच रहा था कैसे उसके घर मे दाखिल हो या फिर नूर को घर से बाहर बुलाये हालकि उसकी तबीयत ठीक नही थी , उसका सर चकरा रहा था ,उसे तेज बुखार और बदन दर्द ने घेर रखा था , मगर इश्क के बुखार के आगे उसे कुछ दिखाई नही दे रहा था वह बस किसी तरह नूर से मिलना चाहता था तभी उसके कंधे पर किसी ने पिछे से हाथ रखकर उसे पुकारा .कौन हो बरखुददार और यहा किसका इन्तेजार कर