छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 4शीर्षक: अनंत श्राप(रत्नावली मंदिर का रहस्य जागृत होता है)---1. हवाओं में उठती अजनबी सरगोशियाँदरभंगा की रात आज अजीब थी।आकाश पर बादल थे, पर फिर भी बिजली बिना गड़गड़ाए चमक रही थी — जैसे किसी अनदेखे संकेत पर धरती थरथरा उठी हो।माया ने हवेली के बरामदे से देखा — मंदिर की दिशा में हल्की-सी नीली रोशनी झिलमिला रही थी।आदिल उसके पास आया, उसके चेहरे पर चिंता थी।“फिर वही रोशनी?”माया ने सिर हिलाया, “यह मंदिर अब सोया नहीं है, आदिल। इसकी दीवारें हर रात जागती हैं।”आदिल ने हथेली उसके कंधे पर रखी,“तुम बहुत कुछ झेल चुकी