एपिसोड 38 — “रूहों का पुनर्जन्म” (कहानी: मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत है) --- 1. नीले धुंध की वापसी दरभंगा की हवेली में सुबह के बाद फिर से एक अजीब-सी धुंध उतर आई थी। नीली, ठंडी और सिहरन भरी — जैसे किसी अधूरे वादे की परछाईं लौट आई हो। रूहाना बालकनी पर खड़ी थी, उसकी आँखों में अब सुकून नहीं था, बल्कि एक बेचैनी थी। “अर्जुन,” उसने धीरे से कहा, “क्या तुम्हें लगता है… हमारी कहानी अब पूरी हो गई है?” अर्जुन ने उसकी ओर देखा, “कहानी कभी पूरी नहीं होती, रूहाना। हर