एपिसोड 35 — “रक्त का रीडर”(सीरीज़: अधूरी किताब)---1. नीली साँसों का कमरादरभंगा की हवेली उस रात पहले से भी ज़्यादा खामोश थी।दीवारों पर लगे आईनों में अब किसी का चेहरा नहीं दिखता था —बस नीली लहरें… जो मानो किसी की साँस बन चुकी हों।हवेली के बाहर हवा नहीं, आवाज़ें चल रही थीं।और हर आवाज़ में एक नाम बार-बार दोहराया जा रहा था —> “अंशुमान… अंशुमान…”पर अब वो जवाब नहीं दे रहा था।क्योंकि वो अब कहानी का हिस्सा बन चुका था।टेबल पर वही पुरानी किताब रखी थी — The Soul Script — Blood Edition.पन्ने स्थिर थे, पर नीचे एक नया