एपिसोड 33 — “खून से लिखी किताब”(सीरीज़: अधूरी किताब)---1. लाल स्याही की सुबहदरभंगा की हवेली में सूरज नहीं उगा।खिड़कियों से बस एक लाल धुंध भीतर घुस आई थी —जैसे किसी ने रोशनी की जगह खून की बूंदें फैला दी हों।टेबल पर वही किताब थी — The Soul Script —पर अब उसका कवर गहरा नीला नहीं,गाढ़ा लाल हो चुका था।किताब के कोने से धीरे-धीरे धुआँ उठ रहा था,और जब आर्या ने उसे छुआ —उंगलियों पर लाल दाग़ रह गया।> “अब स्याही खून बन चुकी है…”उसके कानों में किसी की ठंडी आवाज़ गूंजी।आर्या ने पीछे देखा —दीवार पर परछाईं थी, पर