मुझे सूर्यास्त के बाद कभी भी नींद नहीं आती। रात की चादर ओढ़कर बैठ जाना मेरे लिए आसान है। कभी पुराना अखबार लेकर घंटों पढ़ता हु।मेरे मकान की दीवारों पर एक भी तस्वीर नहीं लगी हुई। यानी मेरा कोई भी नहीं है।हो सकता है की मेरा कोई रिश्तेदार कही अस्तित्व में हो, जिसे मैं आजतक कभी मिला नहीं हु। मिलना आसान होता है क्या? किसी ऐसे इंसान को जिसे आप जानते तक नहीं हो।अब मुझे ही देख लीजिए, कहां जानते है आप मुझे। क्या पता है मेरे बारे में; यही न की मैं सूर्यास्त के बाद कभी नहीं सोता या