कभी-कभी एक नजारा बीती हुई जिंदगी को ऐसे सामने लाकर खड़ा कर देता है, जैसे सब कल की ही बात हो।चतुर्दशी की सुबह अभिषेक अपनी पत्नी दिव्या और पांच साल की बेटी के साथ माता के दर्शन के लिए मंदिर में लाइन में लगा था, भीड काफी थी तो उसने अपनी बेटी को गोद में उठा लिया। सब लोग दर्शन करके आगे निकलते गए, तभी अभिषेक को अपने से कुछ आगे एक जाने-पहचानें चेहरे की झलक दिखी उस झलक को देखने के बाद वो बेचैन-सा हो गया क्योंकि उसे वो चेहरा सही से नहीं दिखा। वो किसी तरह उसे देखने की