मेरे शब्द ( संग्रह )

  • 117

1- ££ काश काश मैं तेरे शहर का होता, इक चाय के सहारे ही सही पर मुलाकात की गुंजाइश तो होती,,सुलगती जिंदगी के कश ले के फिक्र के धुएं को उड़ाते हुए, एक दूसरे में समा जाने की चाह में उस इक उम्मीद की तलाश करते हुए ,उस सन्नाटे को तीनों अपनी आगोश में भर लेते          मैं, तुम और चाय ।                    2- ££€€ जरा सी बात थी वोजरा सी बात थी वो ?यूं मेरे ख़यालो में आके मेरी नींद से सौदा कर लेनामेरे अनसुलझे मन की आखिरी मंज़िल बन जानामेरी