ज्ञानेश्वर आनन्द ज्ञानेश किरतपुरी का परिचय

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सत्य सनातन मेरी जान है साहब।भारतीय तिरंगा मेरी शान है साहब।।मैं बिजनौर के किरतपुर का वासी हूँ।समाज में बुराई से दूरी मान है साहब।।मेरी रचनाएं समाज को राह दिखाये।इसलिए अहसास का फरमान है साहब।।मैं ज्ञानेश्वर आनन्द "ज्ञानेश" किरतपुरी।सादगी की हर दिलों में पहचान है साहिब।।देखकर वो/ हादसे तुम/ शहर से लौट आओगे।।तुम अगर चाहो तो इनसे बचके निकल जाओगे।कब तलक रोकोगे दिल को चाहतों से अपनी।एक दिन आखिर इस ग्रफत में हो ही जाओगे।।शहर के लोग बड़े बे-मुरव्वत हैं मगर।अब तो गाँव में भी कम नहीं पाओगे।।आदमी हो आदमी से प्यार करना चाहिए।मां बाप को छोड़ कर कुत्ता पालें पाओगे।।बाँटते