वो इश्क जो अधूरा था

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वो इश्क जो अधूरा था .कुछ प्रेम कहानियाँ ज़मीन पर शुरू होकर आसमान में बिखर जाती हैं।कुछ, मौत के बाद भी नहीं मिटती है ।ये कहानी है एक ऐसे प्यार की, जो अधूरा रह गया…और एक ऐसी रूह की, जो अब अधूरी नहीं रहना चाहती।नई-नई शादी के बाद, जब अन्वेषा और अपूर्व अपने शहर लौटे, तो उन्हें इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि उनका प्यार किसी और की कहानी का अधूरा भाग बनने जा रहा है।एक पुराने पीपल के पेड़ के नीचे खिंचाई गई एक मासूम सी तस्वीर, एक सन्नाटा जो सिर्फ़ बाहर नहीं, भीतर भी उतरने