भाग 18 रचना: बाबुल हक़ अंसारी “पटरियों पर लिखा फ़ैसला पिछले भाग से अगला मोड़…कबीर और अयान की जंग पटरी पर आती ट्रेन के सामने पहुँच चुकी थी।हर साँस मौत और मोहब्बत के बीच अटकी थी।रिया के हाथ काँप रहे थे, लेकिन उसकी आँखों में अब डर नहीं—इश्क़ का साहस था।क्या रिया अपने इश्क़ को बचाने का कोई कदम उठा पाएगी?या ट्रेन की गर्जना इस जंग का हमेशा के लिए अंत लिख देगी?******* अब आगे-****** ज़िंदगी और मौत की सरहद…रात