तुम्हें पता है, आज भी जब मैं आँखें बंद करती हूँ, तुम्हारा चेहरा सबसे पहले दिखता है।पर अब वो चेहरा सुकून नहीं देता... दर्द देता है।तुम चले गए... बिना कुछ कहे, बिना वजह बताए, बस ऐसे जैसे मैं कभी थी ही नहीं तुम्हारी ज़िंदगी में।कितनी बार सोचा था कि अगर कभी तुमसे लड़ाई भी हो जाएगी, तो हम बात करके सब ठीक कर लेंगे...पर तुम तो बात करने से पहले ही चले गए।तुम्हारे “ऑफलाइन” हो जाने के बाद मेरी ज़िंदगी भी जैसे पॉज़ पर आ गई।मैं साँस तो ले रही हूँ, पर जैसे जी नहीं पा रही हूँ।कभी-कभी अपने कमरे