प्रकृति ने हमे हरे-भरे जंगल, नदियाँ-समुद्र ओैर नीला आकाश, बर्फिली चोटियों का वरदान दिया है। उस वरदान का आदर-सम्मान करना यह मनुष्य की जिम्मेवारी है। अगर आज हम इसे संजोए रखेंगे, तो भविष्य में धरती अपने पुर्ण सुंदरता से खिलते हुए प्रकृतिक आनंद का आशिर्वाद प्रदान करेगी। ................................................. पेडों की छाया, पत्तों का लहराना गिली मिट्टी से सुगंध आना छोटी धारा