रात का आसमान गहराता जा रहा था। शहर की रोशनी धीरे-धीरे बुझने लगी थी, और दिल्ली की ठंडी हवाओं में हल्की सी नमी घुली हुई थी। कुतुब मीनार के पास एक पुराना इलाका था — “फिरोज़ हाइट्स।” वहाँ एक पुरानी हवेली थी जो अब लगभग खंडहर बन चुकी थी। कोई वहाँ नहीं रहता था, बस दीवारों पर उग आई बेलें और छतों से लटकती धूल में पुराने समय की कहानियाँ अटकी हुई थीं।लोग कहते थे कि उस हवेली में एक “रत्न” छिपा है — “ब्लडस्टोन।” कहा जाता था कि जो उसे पा ले, उसे अमरता और असाधारण शक्ति मिलती है।