*अदाकारा 47* शर्मिला द्वारा बनाई गई रिकॉर्डिंग देखने और सुनने के बाद जयसूर्या का काला चेहरा और भी काला हो गया।वह गुस्से से दहाड़ उठा। "यह सब क्या है?" "यह रेशम की डोर है बाबू।" शर्मिलाने बड़ी शांति से जयसूर्या के गुस्से का जवाब दिया।लेकिन जयसूर्या को शर्मिलाके इस तरह के जवाब में कुछ समझ नहीं आया। "मतलब?" उसने पूछा। तो शर्मिलाने अपने कंधे उचकाए और चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट के साथ बोली। "क्या तुम्हें याद है कि एक दिन तुमने कहा था कि तुम मेरे लिए कोई