" Chapter 7 : दी फाइनल गेम “कुर्षित हंसते हुए कहता है :“ कैसे हो प्रोफेसर…? में तुमसे मिलने के लिए बेताब था। “ प्रोफेसर घूर कर कुर्षित को देखते है, इसके बाद उनकी नज़र विनीता पर जाती है, प्रोफेसर को बुरा लगता है कि विनीता ने उन्हें धोखे से बुलाया, कुर्षित अपना चश्मा उतारता है, प्रोफेसर को उसकी अजीब तेज तरार, घनी काले रंग की और डरावनी आंखे दिखती है, प्रोफेसर को वो बिलकुल भी सही नहीं लगता। प्रोफेसर गुस्से में है :“ विनीता… ये क्या मज़ाक है ? तुमने कहा था तुम्हारे घर पर कोई नहीं, अब ये