रात की ठंडी हवाओं में जब चारों ओर खामोशी पसरी हुई थी, आयरा और अर्जुन एक पुराने गेस्टहाउस में छिपे हुए थे। दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज़ें, बीच-बीच में टूटते हुए बल्ब की टिमटिमाहट, और खिड़की से आती हल्की ठंडी हवा—सब माहौल को और भी बेचैन बना रहे थे। अर्जुन के चेहरे पर थकान थी, लेकिन उसकी आँखों में एक ऐसी चमक थी, जो साफ कह रही थी कि अब वो पीछे हटने वाला नहीं है।आयरा उसके पास आकर बैठ गई। उसकी आँखों में अभी भी डर था, लेकिन उस डर के पीछे एक अडिग विश्वास भी छुपा