अंधेरे में गायब हो गये नीलेश के भीतर हमेशा एक खालीपन रहा, जैसे किसी अधूरी कहानी का हिस्सा हो। उसके कानों में पंछियों की आवाज़ें गूँज रही थीं, लेकिन मन में शांति नहीं थी। उसने गहरी साँस ली और सोचा, शायद इन पहाड़ों में मुझे सुकून मिलेगा।वह नीचे उतरकर होटल के पास बने रास्ते पर टहलने लगा। पगडंडी पर चलते हुए उसकी नज़र सामने से आती एक लड़की पर पड़ी। उसने हल्के नीले रंग की ड्रेस पहन रखी थी और हाथ में पुरानी किताब थी। उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी, जैसे धुंध को चीरकर निकल आई हो। नीलेश