चुड़ैल से प्यार

सर्द रात थी। गाँव के बाहर, जंगल के किनारे, पुरानी हवेली की खंडहर दीवारों से साँय-साँय की आवाज़ आ रही थी। लोग कहते थे, वहाँ एक चुड़ैल रहती है—लंबे काले बाल, लाल आँखें, और वो हंसी, जो सुनने वालों का खून जमा दे। गाँव में कोई रात को उस तरफ नहीं जाता था। पर रमेश को डर नाम की चीज़ छूती नहीं थी।  रमेश, गाँव का नौजवान, हट्टा-कट्टा, और जरा सा बिंदास। लोग उसे बेवकूफ कहते, क्योंकि वो चुड़ैल की कहानियों पर हँसता था। "अरे, भूत-प्रेत सब बकवास है!" वो चौपाल पर ठहाके लगाते हुए कहता। एक रात, दोस्तों ने शराब