परछाईयों का शहर

। यहाँ प्रस्तुत है 1500 शब्दों की रहस्यमयी और रोमांचक हिंदी कहानी —शीर्षक: परछाइयों का शहर️ लेखक – विजय शर्मा एरी---परछाइयों का शहररात का समय था। घना अंधेरा पूरे इलाके पर छाया हुआ था। हवाएँ पेड़ों से टकरा रही थीं और खिड़कियों से टक-टक की आवाज़ें आ रही थीं। किसी अनदेखी परछाई की तरह यह शहर हर किसी को अपनी तरफ खींच लेता था, पर जो एक बार इसमें आया, वह फिर कभी लौटकर नहीं गया।लोग इस जगह को “आत्मूआव का शहर” कहते थे, पर धीरे-धीरे इसका नाम मिट गया, और अब लोग इसे सिर्फ “परछाइयों का शहर” कहने