अधूरा इश्क़ — हिस्सा 2

अधूरा इश्क़ — हिस्सा 2जुदाई की चुप्पीलेखिका: नैना ख़ानकोचिंग सेंटर की वो बेंच अब भी वहीं थी — वो बेंच, जहाँ कभी दो दिलों ने खामोशियों में मोहब्बत का इकरार किया था। मगर अब वहाँ सिर्फ़ यूसुफ बैठता था, एक ऐसा इश्क़ जो अब याद बन चुका था, और एक इंतज़ार जो कभी ख़त्म नहीं हुआ।समा की गैर-मौजूदगी अब कोचिंग की दीवारों को भी सूनी बना चुकी थी। हर रोज़ वही क्लास, वही टीचर, वही नोट्स… बस वो चेहरा नहीं था जो हर सुबह रोशनी बिखेर देता था।️ खामोशी का पहला दिनसमा अचानक गायब हुई थी। न कोई कॉल,