अधूरा इश्क़ — हिस्सा 1

  # अधूरा इश्क़ — हिस्सा 1 ### *जब दिल ने पहली बार धड़कना सीखा* **लेखिका: नैना ख़ान** वो एक पुरानी, तीन मंज़िला इमारत थी — शहर के शोर से कुछ दूर, जहाँ दीवारों पर समय के निशान उभर आए थे।इमारत की दरारों में पुराने नोट्स की स्याही अब भी महकती थी, जैसे हर दीवार किसी अधूरी कहानी की गवाह हो।यही था “रहीम कोचिंग सेंटर” — जहाँ हर रोज़ सैकड़ों सपने पन्नों में सिमटते और कुछ दिल धड़कना सीखते थे। क्लास के कोने वाली सीट पर बैठी थी *समा* — एक संजीदा लड़की, जो हमेशा अपनी कॉपी के किनारों