(चार साल बाद आद्या और अतुल्य इंसानी लोक में सामान्य जीवन जी रहे हैं, जबकि विराट अब नागराज बन चुका है — शक्तिशाली, क्रोधित और अब भी आद्या को अपनी पत्नी मानता है. वनधरा में बंदी नागमानव आद्या की सच्चाई छिपा रहे हैं कि वही वनधरा की नई नागरक्षिका है. इस बीच मुंबई में आद्या बेरोजगारी और खालीपन से जूझ रही है. जब दोस्त स्नेहा IFS की तैयारी की बात करती है, तो उसके भीतर छिपी नागशक्ति फिर से करवट लेने लगती है. शायद यही उसके भाग्य की अगली पुकार है — विषैला इश्क का नया अध्याय शुरू होने वाला