सीन एक: हवेली का तहखानाकाली अंधेरी सुरंग में कबीर अकेला खडा था. हाथ में टॉर्च और दस्तावेज. टॉर्च की रोशनी बार- बार झपक रही थी जैसे कोई ताकत उसे बुझाने की कोशिश कर रही हो.दीवारों पर पुराने चित्र बने थे, जिन पर लाल रंग से सिर्फ एक अक्षर लिखा था—“ R”कबीर( धीमे स्वर में)ये अक्षर हर जगह क्यों है? आखिर R कौन है.जैसे ही उसने दस्तावेज पलटा, अचानक पीछे से कदमों की आहट आई.वो मुडा, मगर वहाँ कोई नहीं था.सीन दो: वेरिका और आरवऊपर हवेली के ड्रॉइंग Room में वेरिका बेचैनी से आरव का इंतजार कर रही थी.आरव अंदर आया,