सोने का पिंजरा - 21

एक. गरीबी का अंधेराकबीर का बचपन शहर की सबसे तंग गलियों में बीता. उसकी माँ बीमार थीं और पिता रोजी- रोटी की तलाश में गाँव से शहर आए थे, मगर मेहनत के बावजूद गरीबी ने उनका पीछा नहीं छोडा. घर मिट्टी की दीवारों वाला था, छत टपकती थी और बरसात के मौसम में पानी कमरे के भीतर भर जाता.कबीर को याद है — सर्दियों की वो रात जब उसके पास पहनने को केवल एक फटी हुई चादर थी. ठंड से काँपते हुए उसने अपनी छोटी बहन को अपनी बाँहों में समेटा था ताकि उसे ठंड न लगे. उसके पेट में