सोने का पिंजरा - 12

गोली. किसे लगी?अरमान कमिश्नर के शब्द फैक्ट्री की दीवारों में गूंजे. हर कोई हैरान था. धुएँ और अफरा- तफरी के बीच सायरन की आवाजें, चीखें और पुलिस की बूटों की धमक लगातार गूँज रही थीं.कबीर ने अपनी छाती पर हाथ रखा. उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी.लगता है मौत मुझे लेने से पहले. मुझसे डर गई।रियाज की बंदूक जमीन पर गिर चुकी थी. जारिन हक्के- बक्के खडा था. पुलिस ने दोनों को हथकडियों में जकड लिया. लेकिन रहस्य वहीं अधूरा रह गया कि गोली किसे लगी थी.अगली सुबह – कबीर का महलसूरज की सुनहरी किरणें कबीर मल्होत्रा के आलीशान बंगले