मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 27

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मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत है   एपिसोड 27 : “उस तारे के नीचे”     ---   1. सुनहरी छाया का आगमन   रात की आख़िरी घड़ी थी। हवेली की छत पर वही सुनहरी आँखों वाली छाया धीरे-धीरे आकार लेने लगी। पहले बस उसकी आँखें दिखीं — जैसे किसी पुराने वादे की लौ फिर से जल उठी हो। फिर होंठ हिले — और एक नाम हवा में तैर गया।   > “राज़…”       हवा थम गई। चाँदनी ने हवेली की दीवारों को छूकर जैसे रुक जाना चाहा। नीचे गाँव के पेड़ झूमे, पर पत्तों