एपिसोड 22 – “काली रौशनी का वादा”---1. धुएँ से ढकी सुबहदिल्ली की उस सुबह में हल्की ठंड थी।मलिकपुर गाँव के किनारे एक पुराना मकान खड़ा था — जर्जर, दीवारों पर काई और टूटी हुई खिड़कियों से झाँकती अँधेरी परछाइयाँ।लोग कहते थे, ये वही घर है जहाँ कभी आदित्य वर्मा, वो लेखक, अपनी आख़िरी किताब पूरी करने आया था — “काली रौशनी का वादा”।पर वो किताब कभी पूरी नहीं हुई।बस उसका आधा हिस्सा मिला — और उसी के बाद से वहाँ कोई नहीं टिका।---2. अनाया की तलाशदरभंगा की हवेली की राख से निकलने के बाद, अनाया अब दिल्ली पहुँच चुकी