अधुरी खिताब - 22

1. नीली राख की राहदरभंगा से निकलती ट्रेन की खिड़की पर नीली धूल चिपकी थी।रेल की आवाज़ों में एक अजीब-सी थरथराहट थी — जैसे हर डिब्बे में कोई अनदेखी रूह सफ़र कर रही हो।दिल्ली जा रही थी प्रोफ़ेसर अनामिका मेहरा, दरभंगा विश्वविद्यालय की नई रिसर्च हेड।वो उस रहस्य को समझना चाहती थी, जिसने “अधूरी किताब” के तीन लेखकों को मिटा दिया था — आर्यन, आर्या और अब मीरा दास।अनामिका के पास मीरा का बैग था, जिसमें वही किताब थी — आधी जली, पर अब भी ज़िंदा।ट्रेन के चलते ही किताब के पन्ने खुद-ब-खुद खुले —और पहले पन्ने पर नीली स्याही