एपिसोड 21 : “अधूरी किताब – अब कौन लिखेगा---1. राख की गंधदरभंगा विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी उस सुबह असामान्य रूप से शांत थी।सूरज की हल्की किरणें पुराने शीशों से छनकर अंदर आ रही थीं, पर मेज़ नंबर 13 पर… सिर्फ़ राख पड़ी थी।वही जगह — जहाँ कल तक आर्या घोष बैठी थी।किताब, नोट्स, कॉफी कप — सब गायब। बस राख और एक हल्की स्याही की गंध।लाइब्रेरियन मिसेज़ वर्मा ने घबराकर चौकीदार को बुलाया,“किसने रात में लाइब्रेरी खोली थी?”चौकीदार हकलाया, “कोई नइ सर… लेकिन रात के डेढ़ बजे लाइट जल उठी थी। सोचा बिजली का झटका होगा।”वर्मा ने मेज़ के पास