सफाई वो दोस्ती ही क्या जिसमें सफाई देनी पड़ेगी l सच साबित करने के लिए सौगंध लेनी पड़ेगी ll वादा देकर मुकर जाने की कोशिश ना करना l नहि तो मोहब्बत की अदालत में पेशी पड़ेगी ll महफिल में भीड़भाड़ में कमी महसूस न होगी l अक्कल ठिकाने आएंगी हुस्न अकेली पड़ेगी ll जाना चाहो तो शोख़ से चलें जाओ न रोकेंगे l समझ में आएगा जब तन्हाइयाँ घेरी पड़ेगी ll नई दुनिया बसाने जा रहे हो ख़ुदा हाफ़िज़ l अकेलेपन में चाँदनी रातों को झेली पड़ेगी ll १-१०-२०२५ सैयारा ईश की दरियादिली से सैयारा