हम दोनों कब मिलेंगे कॉलेज की भीड़-भाड़ वाली गलियों में, एक चेहरा था जो हर रोज़ नज़र आता था। न जाने क्यों, भीड़ में भी वही चेहरा सबसे साफ़ दिखता था। उसकी मुस्कान, उसकी चाल और उसकी आंखों की चमक, सब कुछ मुझे अपनी ओर खींच लेता था। शायद यही पहली नज़र का प्यार था, या फिर वो अनजानी डोर, जो दिल से दिल को जोड़ देती है।---पहली मुलाकात (ना होते हुए भी मुलाकात)मैंने उसे पहली बार लाइब्रेरी में देखा था। वो शांति से बैठकर किताब पढ़ रही थी और बीच-बीच में बालों की लटों को कान के पीछे