1.. ठहर जाये ये लम्हा कुछ और वक्त धड़कने दो दिल को कुछ और वक्त बेशक आप चेहरे को नकाब मे रखिये पर हमे नजरे मिलने दो कुछ और वक्त .2.. इश्क के बाजार मे बिक रहे थे हम हमको कुछ ना थी खबर बस लुट रहे थे हम जाने कितने थे लुटरे लुट गये हमे दिल के इस खेल को बस भुगत रहे थे हम कौन है सच्चा कौन है झूठा किसकी माने हम रात रात भर जाग कर बस घुट रहे थे हम हमने सोचा आज से