अधुरी खिताब - 20

एपिसोड 20 : “अधूरी किताब – वो जो अभी खत्म नहीं हुई” ️1. राख के बाद की ख़ामोशीदरभंगा की उस हवेली के स्थान पर अब बस राख और पत्थरों का ढेर था।पर रात के ढलते ही, हवा में फिर वही पुरानी गंध उठने लगी — स्याही और खून की मिली-जुली महक।रमाकांत ने अपने झोले से वो फटा हुआ पन्ना निकाला जो उसने उस दिन उठाया था।धूप में तो वह बस राख-सा था, पर जैसे ही अंधेरा घिरा — उस पर अक्षर उभरने लगे।> “जो कहानी अधूरी छोड़ी जाती है,वो लेखक के साथ नहीं मरती —वो अगली आत्मा को ढूँढती