---खूनी हवेली️ लेखक: विजय शर्मा एरी---प्रस्तावनाअजनाला से लगभग पंद्रह किलोमीटर दूर, गाँव की एक ऊँची पहाड़ी पर सदियों पुरानी एक हवेली खड़ी थी। लोग उसे "खूनी हवेली" कहते थे। कहा जाता था कि वहाँ रात को अजीब रोशनी झिलमिलाती है, चीखें सुनाई देती हैं, और जो भी हवेली में गया, ज़िंदा वापस नहीं लौटा। गाँव वाले डर से उस रास्ते पर भी शाम ढलने के बाद नहीं जाते।पर सच्चाई क्या थी?क्या हवेली में सचमुच भूत-प्रेत थे?या फिर कोई और रहस्य छिपा था?यह जानने के लिए चार दोस्तों ने उस हवेली का रहस्य सुलझाने का निश्चय किया…---पहला अध्याय – दोस्तों की