अधूरी मोहब्बत: इश्क़ का आख़िरी खत

प्रियांश-  सुनो तुम मुझे कभी छोड़कर मत जाना प्लीज ।चाहत-   अरे ये क्या बोल रहे हो तुम कितनी बार कहूँ कि मैं जीना छोड़ सकती हूँ पर तुम्हें नहीं ।प्रियांश- हाँ वो तो है पर फिर भी एक डर मुझे हमेशा सताता रहता कि अगर तुम चली गई तो मैं जी कैसे पाऊंगा।चाहत-  अरे छोड़ो तुम ये फालतू बातें मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ और तुम मेरे हो ।चलो कहीं घूमने चलते हैं  वैसे भी काफी दिन हो गए हैं ।प्रियांश-  हाँ चलो । दोनों आज वहीं जाते हैं जहां वो पहली बार मिले थे ।फिर कुछ देर वहाँ घूमने के बाद वो दोनों