अदाकारा - 43

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*अदाकारा 43*      बृजेशने कॉफ़ी का कप मेज़ पर रखा और जयसूर्या से कहा। "चलो भाई।आज की ड्यूटी भी खत्म हो गई। कल फिर मिलते हैं।" "ठीक है सर।" "गुड नाइट”  कहकर बृजेशने जयसूर्या से विदा ली। बृजेश अभी पोलिस थाने से बाहर आया था और अपनी मोटरसाइकिल पर बैठने जा ही रहा था की उसका फ़ोन बज उठा।उसने फ़ोन की स्क्रीन पर देखा तो पाटिल का फ़ोन था जिसे शर्मिला पर जासूसी करने के लिए उसने नियुक्त किया था। उसने मोबाइल कान से लगाया। "क्या नई खबर है पाटिल?" "साहब।जब शर्मिला मैडम आठ बजे घर आईं, तो उनके