श्रुति को हमेशा से पुरानी चीज़ों का शौक था — किताबें, कैमरे, घड़ियाँ, पुराने रिकॉर्ड्स। उसे लगता था कि हर पुरानी चीज़ में कोई न कोई अधूरी कहानी छुपी होती है। जब वह अपने दादा-दादी के पुराने घर में रहने आई, तो वहाँ की हर दीवार, हर अलमारी से धूल के साथ यादें झरती थीं। घर थोड़ा वीरान-सा था, गांव से थोड़ा दूर, एक छोटी-सी पहाड़ी के किनारे बना हुआ। वहाँ रहना बहुतों को डरावना लगता था, लेकिन श्रुति के लिए वो जगह किसी खजाने से कम नहीं थी।एक दिन अटारी की सफाई करते हुए उसे एक पुराना टेप रिकॉर्डर