(मुस्कान, पिता चौबे की कठोरता और समाज के तानों से जूझती हुई, अपनी पहचान की तलाश में है। कॉलेज में सबके सामने रौनक उसे नकली गर्लफ्रेंड बना लेता है, जिससे मुस्कान उलझन में पड़ जाती है। शीना को सबक सिखाने के बाद उसका आत्मविश्वास बढ़ता है, पर एक कार का पीछा उसे असुरक्षित महसूस कराता है। रौनक, अपने पारिवारिक तनावों के बावजूद, मुस्कान के प्रति आकर्षित है और उसे लाइब्रेरी ले जाकर उसके लिए सदस्यता कार्ड बनवाता है। मुस्कान को पहली बार पढ़ाई में सच्चा सहारा मिलता है। घर लौटकर भी वह रौनक की याद और लाइब्रेरी कार्ड को लेकर