अगला हिस्सा: जारिन की पहली चाल और महफिल का तूफानहॉल की रोशनी झूमरों से टकराते हुए और चहकते जामों की खनक के बीच, माहौल अब पूरी तरह महफिल और सस्पेंस में बदल चुका था. भीड बस कबीर मल्होत्रा को देख रही थी. तीन पीस काले सूट में उसका लंबा कद, चौडे कंधे, घनी मूँछों के नीचे चमकती सुनहरी आँखें और मुस्कान—सबके दिलों को थामने के लिए काफी थे.जियाना ने अपने जाम को धीरे से उठाते हुए कहा,उसके कदम. उसकी चाल. लगता है जैसे महफिल अब पूरी तरह उसके अधीन है।सैरिन ने झुकते हुए कहा,कबीर. उसकी मुस्कान, उसकी शांति. बस दिल