सोने का पिंजरा - 4

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कमरे में धुंध और सुनहरी रोशनी का मिश्रण फैला हुआ था. पिंजरे की सलाखें अब हल्की- हल्की कांप रही थीं, जैसे अपने भीतर छुपे राजों को बाहर निकालने की तैयारी कर रही हों. चारों—जेरेफ, आर्यन, सैरिन और कबीर—एक- दूसरे की आँखों में डर और उलझन देख सकते थे.तभी, पिंजरे के अंदर की रहस्यमयी परछाई ने जोरदार आवाज में कहा, जो भी डरता है, वह हमेशा के लिए खो जाएगा. और जो सामना करेगा, वही आगे बढेगा।सैरिन ने झटके से जेरेफ का हाथ पकडा. हमें इसका सामना करना होगा. चाहे जो भी हो, हम साथ हैं।जेरेफ ने उसकी आँखों में देखा.